ऑनलाइन कंपनियां लॉक डाउन खुलने के पहले ही सारा व्यापार खिंच लेंगी तो छोटे व्यापारी के पास बचेगा क्या?

नितिन सोनी, देवास
20 अप्रैल से सरकार ऑनलाइन (ई-कॉमर्स) विक्रेताओं को फिर से व्यापार करने की छूट देने जा रही है। अगर देशहित मे देखे तो पिछले एक माह से रुकी अर्थव्यवस्था को इस निर्णय से गति मिलेगी इसमे कोई दो राय नही। साथ ही इन ऑनलाइन कम्पनियो से जुड़े व्यापारियों को भी लाभ होगा क्योंकि ऑनलाइन कंपनियां स्वयं के द्वारा निर्मित सामान नही बेचती वो सब रिसेलर्स से खरीदती है इसके साथ ही इन कम्पनीज की डिलीवरी करने वाले लाखों कर्मचारियों को पुनः रोजगार मिल जाएगा। कुरियर कंपनी और उनके कर्मचारियों को रोजगार मिल जाएगा
पर अगर दूसरी तरफ देखे तो यह निर्णय छोटे व्यापारियों के लिए किसी वज्रप्रहार से कम नही।
वो कैसे देखे..
पिछली दीपावली पर सभी ऑनलाइन कंपनियों द्वारा बड़े बड़े ऑफर्स देकर मार्किट की 60 से 70% सेल ले ली थी जिससे छोटे व्यापारियों को बहुत नुकसान हुआ । फिर न्यू इयर के समय भी ऑफर्स निकाल के वही व्यापार खींच लिया था ! अब बाजार पिछले डेढ़ माह से बन्द है छोटे व्यापारी अपनी जमापूंजी से अपनी जीविका चला रहे है ऐसे में उन्हें उम्मीद थी कि लॉक डाउन खुलते ही हम पुनः व्यापार कर सकेंगे और अपने दुकानों/गोडाउन में पड़े माल के बेचकर लस्त पड़ी गाड़ी को पटरी पर लाएंगे। अब ऐसे में ये ऑनलाइन कंपनियां लॉक डाउन खुलने के पहले ही सारा व्यापार खिंच लेंगी तो छोटे व्यापारी के पास बचेगा क्या? आज डेढ़ माह से रुकी मांग का फायदा अगर छोटे व्यापारियों को मिलता तो निश्चित इस भयावह लॉक डाउन की थोड़ी डरावनी तस्वीर उनके जहन से जरूर हटती।
मेरा सुझाव तो यही है कि इस पर थोड़ा विचार करना चाहिए सरकार को।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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