भगवा ध्वज भारत का ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक ध्वज है
यह हिन्दुओं के महान प्रतीकों में से एक है। इसका रंग भगवा (saffron) होता है। यह त्याग, बलिदान, ज्ञान, शुद्धता एवं सेवा का प्रतीक है। यह भारतीय संस्कृति का शास्वत सर्वमान्य प्रतीक है।
भगवा ध्वज, हिन्दू संस्कृति एवं धर्म का शाश्वत प्रतीक है। यही ध्वज सभी मंदिरो, आश्रमों में लगाया जाता है। प्रभु श्री राम, भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन के रथों पर यही ध्वज लहराता था।
छत्रपति शिवाजी के अनुसार ध्वज का भगवा रंग उगते हुए सूर्य का रंग है; अग्नि की ज्वालाओ का रंग है। उगते सूर्य का रंग और उसे ज्ञान, वीरता का प्रतीक माना गया और इसीलिए हमारे पूर्वजों ने इसे सबका प्रेरणा स्वरूप माना।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने परम पवित्र भगवा ध्वज को ही अपना गुरु माना है। संघ की शाखाओं में इसी ध्वज को लगाया जाता है, इसका ही वंदन होता है और इसी ध्वज को साक्षी मानकर सारे कार्यकर्ता राष्ट्रसेवा, जनसेवा की शपथ लेते हैं। और उनको समझाया जाता है कि राष्ट्राध्वज तिरंगा के जैसे ही धर्म ध्वज का भगवा ध्वज सम्मान करे।